जानिये हनुमान जी और बाली के युद्ध की कहानी – सामने वाले की आधी ताकत खींच लिया करता था बाली।

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जानिये हनुमान जी और बाली के युद्ध की कहानी – सामने वाले की आधी ताकत खींच लिया करता था बाली।

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रामायण की पुस्तक किष्किंधा काण्ड के 67 अध्यायों मे से अध्याय पांच से लेकर छब्बीस तक ही बाली का वर्णन किया गया है। फिर भी रामायण में बाली की मुख्य भूमिका रही है विशेषकर उसके वध को लेकर।

बाली सुग्रीव का बड़ा भाई था और किष्किंधा का राजा था तथा उसे इन्द्र का पुत्र भी बताया जाता है। सभी जानते हैं कि ब्रह्मा जी के वरदान के कारण बाली जिससे भी लड़ता था लड़ने वाला कितना भी शक्तिशाली हो उसकी आधी शक्ति बाली में समा जाती थी और लड़ने वाला कमजोर होकर मारा जाता था।

बाली ने अपनी इस अद्भुत शक्ति के बल पर हजार हाथियों का बल रखने वाले दुदुम्भी नामक राक्षस का वध कर दिया था। दुदुम्भी के बाद बाली ने उसके भाई मायावी का भी एक गुफा में वध कर दिया था।

इसी घटना के बाद बाली और सुग्रीव के बीच शत्रुता पैदा हो गई थी। इसी शक्ति के कारण वानर राज बाली से युद्ध करने मे देव, दानव या मानव कोई भी समर्थ नहीं था।

परन्तु इस पोस्ट के माध्यम से हम वानर राज बाली से जुड़ा बहुत ही रोचक प्रसंग बताने जा रहे हैं जब वानर राज बाली और महाबली हनुमान के बीच भीषण युद्ध छिड़ गया था।

क्या महाबली हनुमान जी ने बाली को हरा दिया था? या फिर बाली ने हनुमान जी को पराजित किया?

बात तब की है जब वानरराज बाली और लंकापति रावण में युद्ध छिड़ गया था। बताया जाता है कि बाली ने अपने वरदान के बल पर रावण को अपनी भुजाओं मे छह माह तक दबाए रखा था।


अंत में रावण ने उससे हार मानकर उसे अपना मित्र बना लिया था। इसी युद्ध के बाद बाली का घमण्ड आसमाँ छूने लगा था। अपनी ताकत के नशे में चूर बाली यहां वहां लोगों को चुनौती देता रहता था।

एक दिन ऐसे ही वन में चिल्ला रहा था, “ऐसा कौन प्राणी है यहां जो इस वानर राज बाली को हरा सकता है और यदि किसी के अंदर पौरुष है तो मुझसे आकर द्वंद करे।”

हनुमान जी उसी वन में तपस्या कर रहे थे। और अपने आराध्य भगवान् राम का जाप कर रहे थे। बाली के चिल्लाने से उनकी तपस्या में खलल पड़ा। उन्होंने बाली से कहा,” हे, वानर राज आप अति बलशाली हैं और आपको कोई भी नहीं हरा सकता। लेकिन आप इस तरह क्यों चिल्ला रहे हैं?”

इस पर बाली भड़क गया। उसने हनुमान जी और यहां तक कि भगवान् राम तक को चुनौती दे डाली। बाली बोला, “हनुमान तुम तो क्या स्वयं तुम्हारे भगवान् श्री राम भी मुझे नहीं हरा सकते। अगर दम है तो बुला लो अपने राम को।”

अपने आराध्य श्री राम का मज़ाक उड़ता देख हनुमान जी को गुस्सा आ गया और उन्होंने बाली की चुनौती स्वीकार कर ली।

तय हुआ कि अगले दिन सूर्योदय होते ही दोनों के बीच दंगल होगा। अगले दिन हनुमान जी तैयार होकर दंगल के लिए निकले ही थे कि ब्रह्मा जी प्रकट हुए। उन्होंने हनुमान जी को समझाया कि वो बाली की चुनौती स्वीकार न करें।

इस पर हनुमान जी ने कहा, “भगवान्, बाली जब मुझे ललकार रहा था तब तक तो ठीक था। लेकिन, उसने श्री राम जी को भी चुनौती दे दी है। इसलिए, मैं उसे सबक अवश्य सिखाउंगा।”

ब्रह्मा जी ने उसे फिर समझाने की कोशिश की। ब्रह्मा जी से हनुमान जी बोले, “अगर अब मैं पीछे हट गया तो दुनिया क्या कहेगी?”

इस पर ब्रह्मा जी ने कहा,”ठीक है आप दंगल के लिए जाओ लेकिन अपनी शक्ति का आधा हिस्सा ही लेकर जाओ। और बाकी बल अपने आराध्य के चरणों में अर्पित कर दो। दंगल से लौट कर आप अपनी शक्ति पुनः हासिल कर लेना।”

हनुमान जी मान गए और कुल शक्ति का दसवां हिस्सा लेकर दंगल के लिए चल पड़े। दंगल के मैदान में कदम रखते ही वरदान के मुताबिक हनुमान जी की शक्ति का आधा हिस्सा बाली के शरीर में चला गया।

इससे बाली के शरीर में जबरदस्त हलचल शुरू हो गई। उसे लगा जैसे कि ताकत का समंदर शरीर में हिलोरे ले रहा हो। चंद पलों में बाली को लगा मानो उसकी नस फट जायेंगी और रक्त बाहर निकलने लगेगा।


तभी ब्रह्मा जी प्रकट हुए और उन्होंने बाली से कहा कि तुम खुद को दुनिया में सबसे ताकतवर समझते हो लेकिन तुम्हारा शरीर हनुमान जी की शक्ति का छोटा-सा हिस्सा भी नहीं संभाल पा रहा है। खुद को जिंदा रखना चाहते हो तो हनुमान जी से कोसों दूर भाग जाओ।

बाली ने ऐसा ही किया और बाद में उसे एहसास हुआ कि हनुमान जी उससे कहीं अधिक ताकतवर हैं। उसने हनुमान जी को दण्डवत प्रणाम किया और बोला, “अथाह बल होते हुए भी हनुमान जी शांत रहते हैं और राम भजन का पाठ करते रहते हैं। और एक मैं हूं जो उनके एक बाल के बराबर भी नहीं हूं और उनको ललकार रहा था। मुझे क्षमा कीजिए प्रभु।”

हनुमान जी ने बाली को क्षमा कर दिया। भक्तों, यह प्रसंग कई सबक देता है कि व्यक्ति को अपनी शक्ति, धन और सामर्थ्य का कभी घमण्ड नहीं करना चाहिए। बाली और हनुमान जी से जुड़ी ये रोचक कहानी आपको कैसी लगी हमें जरूर बताएं और ऐसी ही धार्मिक पोस्ट को पढ़ने के लिए हमारी newsletter service subscribe करे और सभी पोस्ट अपने ईमेल पर पाए।

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