हनुमान जी के मंगलवार का व्रत के फायदे और सही विधि

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    आज इस पोस्ट के माध्यम से हम जानेंगे कि हनुमान जी के मंगलवार के व्रत रखते हैं तो उसके फायदे क्या क्या हैं और मंगलवार का व्रत विधि विधान तरीका क्या है।

    कलियुग में हनुमान जी एक ऐसे देव मात्र है जिन्हें अमरता का वरदान मिला हुआ है और भक्त जन इन्हें साक्षात् रूप से महसूस भी करते हैं। इनकी पूजा और साधना बहुत ही सरल और सुगम है। हनुमान जी स्वयं ब्रह्मचारी हैं इसलिए इनकी साधना में ब्रह्मचर्य का व्रत जरूर रखना चाहिए। हनुमान जी सबकी मनोकामना पूर्ण करते हैं।

    हनुमान जी के व्रत पूजा साधना में सबसे महत्वपूर्ण बात है साफ सफाई की। साफ सफाई पर आपको विशेष रूप से ध्यान रखना है। हनुमान जी ही नहीं किसी भी देवी देवता की पूजा आराधना में आपको साफ सफाई का ध्यान रखना चाहिए विशेष रूप से हनुमान जी की मे तो खास तौर पर।

    हनुमान जी की पूजा में कोई भी गलत विचार आपके मन में नहीं आने चाहिए चाहे वो स्त्री को लेकर हो चाहे धन को लेकर हो या चाहे आप किसी के बारे में गलत सोचते हो। अगर आप ये सावधानियां बरतते हो तो आपका व्रत जरूर सफल होगा। और ये सावधानियां आपको बरतनी पड़ेंगी ही।

    ऐसा माना जाता है कि हनुमानजी की पूजा सूर्यास्त के बाद करने से हनुमान जी बहुत जल्दी खुश हो जाते हैं। मंगलवार को हनुमान जी के साथ ही मंगल ग्रह का दिन भी माना जाता है। इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।

    शाम को जब सूर्यास्त हो जाए तो हनुमान जी के मंदिर या घर में रखी हनुमान जी की मूर्ति के सामने साफ आसन पर बैठ जाइए। सरसों के तेल का चौमुखा दीपक जलाना है। दीपक जलाने के बाद धूप पुष्प अर्पित करें। हनुमान जी को पुष्प माला पहनाए। सिंदूर और चमेली का तेल दोनों आपको हनुमान जी को चढ़ाना है। ये दोनों ही चीजें इन्हें अत्यंत ही प्रिय है। ऐसा करने से हनुमान जी की आप पर कृपा बनी रहेगी। पूजा के समय आपको जो कपड़े पहनने है वो लाल रंग के होने चाहिए।

    क्यों करनी चाहिए मंगलवार को हनुमान जी की पूजा

    पहली बात तो यह कि मंगलवार का व्रत उन्हें करना चाहिए जिनकी जन्म कुंडली में मंगल दोष होता है या फिर मंगल भारी होता है, और इसका असर उनकी जिंदगी पर पड़ रहा है। ऐसे लोग शुभ फल की प्राप्ति के लिए इस व्रत को करते हैं।

    हांलाकि ऐसे लोग जिनका मंगल मजबूत है वो भी इस व्रत को कर सकते हैं ऐसा नहीं है कि वे लोग नहीं कर सकते। हनुमान जी की कृपा ऐसे भी बनी रहेगी।

    व्रत के फायदे शास्त्रों के अनुसार यह है कि मंगल के व्रत से हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। हनुमान जी की कृपा अगर एक बार आप पर हो गयी तो फिर किसी भी चीज की कमी आपके पास नहीं रहेगी। ये व्रत भी और हनुमान जी की पूजा भी आपका सम्मान, बल, साहस और पुरुषार्थ को बढ़ाता है।

    सम्मान, बल, साहस और पुरुषार्थ अगर आपके पास आ गया तो ये तो निश्चित ही है कि अब आपको किसी भी चीज़ की जरूरत पड़ने वाली ही नहीं है। सीधी बात है कि सारी की सारी खुशियां आपको स्वतः ही मिल जाएगी। पुरुषार्थ और साहस से लक्ष्मी भी आएगी। अगर संतान प्राप्ति नहीं हो रही है तो संतान प्राप्ति भी होगी। सभी परेशानियां दूर हो जाती है और आप सारे पापों से मुक्त हो जाते हैं।

    एक चीज़ का ध्यान रखना चाहिए कि व्रत लगातार 21 मंगलवार तक करना चाहिए। बीच में किसी मंगलवार को व्रत छूटना नहीं चाहिए। व्रत वाले दिन सूर्योदय से पूर्व नित्य कर्मो से निवृत होकर नहा लेना चाहिए। उसके बाद घर के ईशान कोण की दिशा में बैठना है। ईशान कोण की दिशा में किसी एकान्त स्थान पर हनुमान जी की प्रतिमा रख कर आपको बैठना है।

    व्रत का संकल्प आप हाथ में जल लेकर कर लीजिए। लाल वस्त्र पहनकर बैठने को हम आपको बता चुके हैं। घी का दीपक जलाना है और माला पुष्प आपको अर्पित करना है। मंगलवार की कथा आपको पढ़ लेनी चाहिए। हनुमान चालीसा का पाठ करें, बजरंग बाण पढ़े। चाहे तो सुंदर कांड का पाठ भी कर सकते हैं।

    पूजा आपको अपने हिसाब से करनी चाहिए बस निर्भर करता है कि आपका मन कितना साफ है, साफ सफाई कितनी है, पवित्रता कितनी है ये सारी चीजें मायने रखती है।

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