मेहंदीपुर बालाजी महाराज की पूजा कैसे करें ?

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बालाजी महाराज की दैनिक पूजा कैसे की जाती है ?

बालाजी महाराज की पूजा सुबह के समय कितने बजे करनी चाहिए ?

बालाजी महाराज की पूजा में दीपक किस तैल या घी का जलाना चाहिए ?

आपके घर के मंदिर या पूजा घर मे कौन से रंग का कपड़ा बिछाना चाहिए ?

बालाजी महाराज की पूजा मे आरती, चालीसा और स्तुति का निश्चित क्रम क्या है ?

भक्तों, आपको ये प्रश्न आपके मन मस्तिष्क में जरूर उठते होंगे और आप इनके उत्तर ढूंढने के लिए जरूर किसी ना किसी बालाजी भक्त से पूछते होंगे। जितने लोगों से आप इन सवालों के जवाब के लिए पूछते होंगे उतने ही अलग – अलग तरह के जवाबों से आपको रूबरू होना पड़ता होगा। फिर आप सोचते होंगे कि किस व्यक्ति की बात मान कर बालाजी महाराज की पूजा प्रारंभ करनी चाहिए। अलग अलग जानकारियों से आप अक्सर कन्फ्यूज हो जाते होंगे।

इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको आपके सवालों के सही सही जवाब देने का प्रयत्न करना चाहेंगे ताकि आपकी श्री बालाजी पूजन विधि सही प्रकार से संपादित हो सके। हमारा उद्देश्य भी यही है कि आपको सही, ठोस और गुणवत्तापूर्ण जानकारी आपके साथ साझा हो सके।

तो आइए शुरू करते हैं :-

मेहंदीपुर बालाजी महाराज की पूजा कैसे करें ?

सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण प्रश्न यही है कि श्री बालाजी महाराज की पूजा प्रारंभ कैसे करें ? भक्तों, बालाजी महाराज यानी हनुमान जी महाराज जिन्हें बाल रूप के लिए जाना जाता है, ये पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन करने वाले हैं और पूरी तरह से शाकाहारी हैं। इनकी पूजा मे कई तरह की सावधानियां बरतनी पड़ती है जैसे :-

  • पवित्रता
  • साफ – सफाई
  • वैचारिक शुद्धता
  • शाकाहार का पालन
  • बाबा के प्रति लगन
  • अपने आपको भुलाकर पूरी तरह से इनके समक्ष खुद को न्योछावर कर देना
  • भक्ति भाव
  • परोपकार

बालाजी महाराज की पूजा करने से पहले उपरोक्त बातों को अमल में लाकर की गयी पूजा निश्चित ही आपको बाबा के निकट ले जायेगी और ऐसा कोई कारण नहीं है कि आप पर बाबा की कृपा ना हो। इसी क्रम में हम आगे बढ़ कर उन चीजों के बारे में जानेंगे ताकि हम ये जान सके कि बाला जी महाराज की कैसे की जाती है।

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बालाजी महाराज की पूजा सुबह के समय कितने बजे करनी चाहिए ?

आप सब यह तो जानते ही होंगे कि बाबा हर समय अपने भगवान् श्री राम चन्द्र जी के ध्यान में डूबे रहते हैं और बालाजी महाराज का सबसे बड़ा मंदिर राजस्थान के दौसा जिले के मेहंदीपुर नाम की जगह पर है, जहां बाबा को प्रतिदिन रात्रि को शयन और सुबह के समय उन्हे जगाने की क्रिया की जाती है वो भी निश्चित समय पर।

चाहे आयुर्वेद हो या शास्त्र और वेद सभी मे व्याख्या की गयी है कि सुबह सुबह उठने का समय ब्रह्म मुहूर्त का होता है यानि ऐसा समय जो सूर्योदय से करीब एक से दो घंटे के पहले का हो। मेहंदीपुर में बालाजी मंदिर में बालाजी महाराज के उठने का समय सुबह लगभग चार बजे का है। इस समय बाबा अपनी शयन निद्रा से जाग जाते हैं और फिर उनके स्नान, चोला बदलने और आरती की क्रियाएं प्रारंभ हो जाती हैं।

यही सुबह के चार बजे का समय बालाजी की पूजा शुरू करने के लिए सर्वोत्तम माना जाता है। भक्तों को सुबह चार बजे तक स्नान करके पूजा के लिए तैयार हो जाना चाहिए।

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आपके घर के मंदिर या पूजा घर मे कौन से रंग का कपड़ा बिछाना चाहिए ?

सुबह चार बजे तक आपको नहा धोकर और स्वच्छ वस्त्र धारण करने के बाद आपको अपने घर के पूजा स्थल पर आ जाना चाहिए। पूजा शुरू करने से पूर्व इन बातों का ध्यान अवश्य रखें।

  • सुनिश्चित करे कि अपने घर के मंदिर वाले स्थान के आसपास झाड़ू पोछा या धुलाई वगैरह हो गई हो।
  • स्नान करने के पश्चात उचित वेशभूषा जैसे कुर्ता पजामा या धोती कुर्ता पहने।
  • कमर मे कोई पटका या अंगोछा बांध कर कमर को कस लीजिए। गांठ कमर के बाएं ओर लगाए।
  • पूजा का दीपक अच्छे से मांज कर रखे।
  • पीतल या तांबे के पात्र में साफ जल भरकर रखे।

हनुमान जी को लाल रंग अत्यंत ही पसंद है अतः अपने मंदिर में लाल रंग का साफ कपड़ा बिछाए। कपड़ा बिछाकर ऊपर बालाजी महाराज की तस्वीर या छवि रखें। साथ में श्री राम जी और सीता जी की तस्वीर भी रखें। बाबा के आगे अपना शीश झुकाएं।

श्री गणेश जी का स्मरण करके रखे हुए तांबे के बर्तन में से जल के छींटे बाबा की छवि पर डालिए। जल छिड़कते हुए श्री बालाजी महाराज के चौदह जयकारे बोलते रहिये। बाबा को स्नान कराने के पश्चात एक साफ कपड़े से तस्वीर को साफ किजिये।

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बालाजी महाराज की पूजा में दीपक किस तैल या घी का जलाना चाहिए ?

बाबा को स्नान कराने के बाद बाबा को रोली और अक्षत से तिलक किजिये। महिलाएं तिलक ना करें। उसके बाद दीपक ले कर आप बाबा की तस्वीर के सामने लाल कपड़े पर ही अपने दाहिनी ओर दीपक को रखें। याद रखें कि दीपक ऐसे रखें कि दीपक आपके दाहिनी हाथ की तरफ हो और तस्वीर में विराजमान बालाजी महाराज के बाए हाथ की ओर हो। बालाजी महाराज को दीपक शुध्द देशी घी का ही जलाना चाहिए।

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बालाजी महाराज की पूजा मे आरती, चालीसा और स्तुति का निश्चित क्रम क्या है ?

बालाजी महाराज के समक्ष शुध्द देसी घी का दीपक जलाने के पश्चात उनको धूप अगरबत्ती दिखाए। इसके पश्चात् आपको भक्ति भाव से हनुमान चालीसा, प्रेत राज स्तुति आदि पढ़नी चाहिए जिसका एक निश्चित क्रम होता है। बालाजी महाराज से पहले श्री प्रेत राज सरकार जी की पूजा की जाती है इसीलिए पूजा का एक निश्चित क्रम बनाया गया है और ये क्रम इस प्रकार से है।

  1. श्री प्रेतराज सरकार जी की स्तुति
  2. श्री हनुमान चालीसा
  3. श्री भैरव जी महाराज की स्तुति
  4. इसके बाद आप अपनी इच्छा अनुसार बजरंग बाण, हनुमाष्टक, मंत्र का जप या भजन आदि कर सकते हैं।

अंत में बालाजी महाराज की आरती गा कर बाबा को मिष्ठान से भोग लगाएं, रामाष्टक गाए और घर में जल के छींटे दे।

तो भक्तों इस तरह से आप श्री बालाजी महाराज की दैनिक पूजा कर सकते हैं। यदि आपको कोई संशय हो या आपका कोई प्रश्न हो तो आप उत्तर के लिए हमें कमेंट बॉक्स में जाकर पूछ सकते हैं।

॥ जय बालाजी ॥

॥ जय हनुमान ॥

 

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  1. जय श्री बालाजी महाराज, श्री बालाजी महाराज को चमेली के तेल का दीपक जला सकते हैं

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