कैसे करने जाये दर्शन मेहंदीपुर बालाजी मंदिर मे || Darshan Mehandipur Balaji ||

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बहुत से लोग घाटा मेहंदीपुर बालाजी महाराज के दर्शनों के लिए जाते हैं, और जानना चाहते हैं कि वहाँ के क्या नियम हैं? कैसे वहाँ दर्शन मेहंदीपुर बालाजी के करने चाहिए? तो ये पोस्ट आप लोगों के लिए ही है। आज यही सब जानेंगे हम इस पोस्ट के माध्यम से।

जब आप किसी भी तीर्थ स्थान पर जाने का प्रयास करते हैं, उस समय आपका मन मस्तिष्क और यहाँ तक कि आपकी आत्मा भी भक्तिमय रहती है। पूरा घर परिवार इस भक्ति की उमंग में प्रसन्नता महसूस करता है।
ऐसा क्यों होता है ? – ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आपका अंतर्मन आपके इष्ट भगवान् का दर्शन करने को व्याकुल होता है। आपने ये ज़रूर सुना होगा -” जैसा खाए अन्न वैसा होए मन “।

इसी व्याकुल मन और आत्मा को तृप्त करने के लिए आपको बालाजी मंदिर मेहंदीपुर जाने से पहले लहसुन, प्याज़, अंडा और मांस-मदिरा का सेवन बंद कर देना चाहिए। हिन्दू शास्त्रों में भी तामसी चीज़ों का इस्तेमाल वर्जित बताया गया है। फिर हनुमान जी महाराज तो पूर्ण रूप से शाकाहारी रहे हैं।

आपको बता दें कि इसी नियम के चलते मेहंदीपुर बालाजी मे किसी भी भोजनालय, होटल या ढाबे में भोजन बिना प्याज़ और लहसुन के बनाया जाता है।

दर्शन मेहंदीपुर बालाजी हेतु साफ सफाई एवं पवित्रता :-

तो भक्तों, अब जानते हैं दूसरी बात। आप सभी जानते हैं कि नहाने और साफ सफाई का जीवन में क्या महत्व है? इसीलिए, आप घाटा मेहंदीपुर धाम में जिस भी होटल या धर्मशाला में ही क्यों न रुके पहले वहाँ अच्छे से नहा धो लें। फिर साफ सुथरे कपड़े पहनकर बाबा के दरबार में जाये।

  • दर्शन मेहंदीपुर बालाजी हेतु कीमती सामान कमरे में ही छोड़ दें :-

और हाँ, आप अपना कीमती सामान अपने कमरे में ही छोड़ दें। पैसे भी आप उतने ही लेकर अपने कमरे से निकले, जितने की आपको आवश्यकता हो। ये इस बात पर निर्भर करता है कि आप अर्जी, दरख्वास्त लगाना चाहते हैं या सिर्फ प्रसाद चढ़ाना चाहते हैं। ये सब बातें हम इसलिए आपको बता रहे हैं क्योंकि आप जेब कटने जैसी घटनाओं से बच सके।

दर्शन मेहंदीपुर बालाजी से पूर्व दरख्वास्त : –

अब तीसरी बात। दर्शन मेहंदीपुर बालाजी हेतु दरबार में पहुंचने पर सबसे पहले वहां पहुंचने की दरख्वास्त लगाए। और, बालाजी महाराज को धन्यवाद दे कि ” आपने ठीक ठाक हमे अपने दरबार में बुला लिया है ” ।

दस रुपए की लगती है ये दरख्वास्त : –

ये दरख्वास्त आपको मंदिर के बाहर बनी दुकानों से 10 रुपए मे मिल जायेगी।

आखिर क्यों लगायी जाती है ये दरख्वास्त ? :-

प्रारम्भ में ये मेहंदीपुर स्थान बीहड़ जंगल हुआ करता था। और काफी वक़्त लगा करता था भक्तो को घर से मंदिर तक पहुंचने में। मार्ग में डाकुओं द्वारा लूटपाट का भी आतंक रहा करता था। तो दर्शनार्थी अपने घर से बालाजी को दरख्वास्त लगाकर निकलते थे कि ” बाबा, हमें अपने दरबार तक ठीक ठाक पहुंचा देना।” फिर वहाँ पहुँचकर दर्शन मेहंदीपुर बालाजी हेतु दरख्वास्त लगाया करते थे। इसी प्रकार घर वापसी की भी दरख्वास्त लगायी जाती थी। ये प्रथा आज तक चली आ रही है।

कोई बुराई नहीं है बालाजी को दरख्वास्त लगाने में :-

वैसे, आज के दौर में दरख्वास्त लगाने मे कोई बुराई भी नहीं है। क्योंकि, ये दरख्वास्त बाबा के प्रति अपनी कृतज्ञता और आभार प्रकट करने का एक माध्यम ही है।

बालाजी मंदिर के नियम का पालन करें :-

भक्तों, एक बात और। आप वहाँ चाहे अर्जी लगाए या दरख्वास्त या फिर बाबा को प्रसाद चढ़ावे, अपने हाथ से कुछ ना चढ़ाए। अपनी सब सामग्री आप मन्दिर परिसर मे मौजूद पुजारी को दे दें। वो आपका सामान बालाजी महाराज को अर्पित कर देंगे। मन्दिर की पवित्रता और अनुशासन बनाये रखने के लिए यह आवश्यक है।

बालाजी महाराज की आरती का महत्व :-

भक्तों, बालाजी महाराज के दरबार में सुबह शाम आरती में जरूर शामिल होना चाहिए। वहां आरती और आरती के छींटो का बहुत बड़ा महत्व है। अगर आप आरती का धर्म लाभ लेने मे चूक गए तो समझिए आपने बहुत कुछ खो दिया। कहा जाता है कि भाग्यशाली व्यक्तियों को ही ये छींटे नसीब होते हैं। और जिसे भी ये छींटे मिल जाते हैं, समझो उस पर बालाजी महाराज की कृपा शुरू हो जाती है। तो भक्तों, वहाँ बाबा की आरती का धर्म लाभ जरूर उठाइएगा।

  • पेशी वालों से छेड़छाड़ ना करें :-

आप वहाँ देखेंगे कि वहाँ बहुत से लोग पेशी ले रहे होते हैं। ऐसे व्यक्तियों से किसी भी प्रकार की छेड़ छाड़ नहीं करनी चाहिए। उनके लिए बाबा से हमे प्रार्थना करनी चाहिए कि वे लोग जल्दी से जल्दी ठीक हो जाये व संकट मुक्त हो जाये। कहा गया है :-

“परहित सरिस धर्म नहिं भाई”

राजभोग के प्रसाद का करे आदर :-

जब आप वहाँ बालाजी मंदिर के अंदर दर्शन करने जाएंगे तो दर्शन करते वक़्त पुजारी से आपको दो लड्डू मिलते हैं। ये प्रसाद आप अपने घर भी ले जा सकते हैं। और ये बात प्रसाद के इस लाल रंग के डिब्बे पर भी अंकित होती है, जो इस प्रकार है :-

श्री बालाजी महाराज के राजभोग का प्रसाद

  • भक्तगण अपने परिवार के लाभार्थ यह प्रसाद ग्रहण करें। इसे अपने घर पर अवश्य ले जाये। किसी भी प्रकार की शंका ना करें।

  • कृपया राजभोग के प्रसाद का अनादर ना करें, यह अमृत तुल्य है।

इसके अलावा मंदिर से मिला कोई भी प्रसाद नहीं ले जाना चाहिए बल्कि यहीं खा लेना चाहिए। भक्तों इस बात का ध्यान अवश्य रखें। अगर आप कोई प्रसाद घर ले जाना ही चाहते हैं तो बालाजी महाराज के मंदिर के ठीक सामने श्री सीता राम भगवान् का मन्दिर है। मिश्री और मेवे का प्रसाद चढ़ाकर आप इसे अपने घर ले जा सकते हैं और अपने प्रियजनों को बांट भी सकते हैं।

सवामनी, हवन और भंडारे की जानकारी :-

अगर आप सवामनी, हवन, भंडारा आदि कराना चाहते हैं तो बालाजी मंदिर के कार्यालय में इसके लिए पूछताछ कर सकते हैं। वहाँ आपको पूरी जानकारी मिल जायेगी कि सवामनी और भंडारा कैसे होगा ?

  • किसी भी अनाधिकृत व्यक्ति से इसकी जानकारी ना लें नहीं तो आप अपना समय और धन दोनों बर्बाद कर सकते हैं।

मर्यादा मे रहे और धर्म विरुद्ध कार्य ना करें :-

वहाँ आप जितने भी समय रहे, वहाँ आपको पूरी तरह से मर्यादा मे रहना होगा। आपको कोई भी ऐसा कार्य नहीं करना चाहिए जो कि धर्म विरूद्ध हो।

  • वहाँ पर आरामदायक चीज़ों का त्याग कर देना चाहिए।


  • जीतने भी समय आप वहाँ पर रहे बालाजी महाराज से मन ही मन प्रार्थना करें क्योंकि प्रार्थना मे अपार शक्ति होती है। बालाजी महाराज के 14 जयकारे कंठस्थ कर ले और मन ही मन गुनगुनाते रहें।
  • बालाजी महाराज के 14 जयकारे
  • सोते या आराम करते समय जमीन पर ही दरी या चादर बिछा लेनी चाहिए।
  • अगर आपने होटल या धर्मशाला में कमरा लिया हुआ है तो आप वृद्ध और बच्चों को पलंग पर लिटा सकते हैं।
  • एक नियम यह भी है कि रजस्वला स्त्रियों को 7 दिन तक मन्दिर में ( दर्शन मेहंदीपुर बालाजी हेतु )नहीं जाना चाहिए। ना ही वे जल या भभूत ले सकती हैं। 7 दिन पूरे होने के बाद ही स्नान करके दर्शन मेहंदीपुर बालाजी हेतु मंदिर जाना चाहिए।

घर जाते समय पुनः दरख्वास्त लगाये :-

घाटा मेहंदीपुर से घर जाते समय मंदिर में एक बार फिर दरख्वास्त लगाये। बोलना चाहिए कि बाबा हम घर जा रहे हैं, हमारी रक्षा करना। इस वापसी की दरख्वास्त के लड्डू आपको नहीं खाने चाहिये।

दरख्वास्त लगाने के बाद आपको एक पल भी वहाँ नहीं रुकना चाहिए और अपनी जेबें, थैले बैग इत्यादि सब सामान अच्छे से चेक कर लें। अपने साथ खाने पीने की कोई चीज़ अपने साथ नहीं लानी चाहिये।

  • साबुन, तैल, क्रीम पाउडर आदि बच गया हो तो उसे भी वहीं छोड़ दें। इस प्रकार की चीज़ें भी घर ले जाने की मनाही है।


तो भक्तों, ये पोस्ट आपको कैसी लगी ? आशा करते हैं दर्शन मेहंदीपुर बालाजी के लिये जाते समय आपको ये जानकारी सार्थक सिद्ध होगी |अपने विचार कमेंट बॉक्स में जाकर लिखे। कृपया इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लाइक और शेयर करें ताकि ये जानकारी ज्यादा से ज्यादा लोगों और आप जैसे हनुमान भक्तो तक पहुंच सके।

|| जय बाबा की ||

|| जय श्री बालाजी महाराज ||

13 COMMENTS

  1. Bhut achchhe jai bala ji maharaj but hm wha se misrhi ka prasad le aya hu aur apna tel nahane ka sabun bhi le aaya hu jo glti hui hai bala ji maharaj ji maaf krna jai bala ji

  2. जय श्री राम जय श्री बाला जी महाराज की जय हो बाबा कृपा करो 🌹🙏🌹

  3. बाबा मैं आपके दरबार में 2 सितम्बर को बच्चों सहित आया था नवंबर या दिसम्बर तक और आने वाला हूँ मेरी नौकरी लगा दो बाबा 🌹🙏🌹

  4. Mere ghar pr kuch dikkat h jiska sara asar bhaiyaa pr h mere pr vo ghar chhod kr kahi jate nhi naa kuch mante h balaji bhi aane ko taiyaar nhi h ab aise ME mujhe kyaa karnaa chahiye mere jaane se kyaa kuch araam Mill sktaa h

  5. JAI BALA G MAHARAJ KI JAI SHREE RAM BABA G AAP SE BAR BAR ARDAS H KI MERE PRIWAR ME SUKH SHANTI BANAYE RAKHNA MERE BHAIYON KO B 2 BETE DE DO MERE JIJA KI DARU CHHUDA DO

  6. Jai shri bala ji maharaj ki jai jaisa ki is site per jankari di gai hai bhut hi achi hai.aap sabhi ko batana chaunga ki main balaji maharaj k darsan k liye 2004 se har saal darsan k liye jata hu jitna sakun balaji mandir main milta hai or kahi nhi milta.ek baar mehndipur bala ji mandir (Rajesthan) jarur jaye baba ka ashirwaad parapat kare jai baba ki

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