आचार संहिता क्या, कब और कैसे लगती है हिंदी में पूरी जानकारी

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चुनावी आचार संहिता जब लागू होती है जब भारतीय चुनाव आयोग चुनाव हेतु तारीखों की घोषणा करता है। इसका अर्थ एक ऐसा कोड ऑफ कंडक्ट है जिसमें चुनाव आयोग द्वारा जारी किया जाता है और यह सभी राजनीतिक दलों, सरकारी कर्मचारियों, सरकार और साथ ही सोशल मीडिया पर भी लागू होता है और सभी इसका पालन करने के लिए बाध्यकारी हो जाते हैं। आचार संहिता चुनावों की तारीख घोषणा होने से लेकर चुनावों के समाप्त होने तक लागू रहती है। जो कोई भी आचार संहिता का उल्लंघन करता है चुनाव आयोग उसका तुरंत संज्ञान लेता है और आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले के विरुद्ध F.I.R. भी दर्ज करवा सकता है। आरोपी के विरुद्ध आरोप साबित होने पर उसे जेल भी जाना पड़ सकता है।

कब लागू होती है आचार संहिता ( When Does Election Code Of Conduct Start)

जैसा कि आपको बताया कि आचार संहिता चुनाव आयोग द्वारा घोषित चुनावी तारीखों के साथ ही शुरू हो जाती है। सरकार बस काम काजी होकर रह जाती है। उन पर कई प्रकार की बंदिशें लग जाती है। सभी सरकारी कर्मचारी चुनाव आयोग के अंतर्गत आ जाते हैं और आयोग के दिशा निर्देशों के अनुसार ही कार्य करते हैं।

सरकार में कोई भी मंत्री आचार संहिता के दौरान ना तो कोई भी नयी घोषणा कर सकता है ना ही किसी भी नयी योजना का शिलान्यास। ना ही किसी भी योजना का भूमिपूजन हो सकेगा और ना ही लोकार्पण। सरकार या इसके कर्मचारियों द्वारा सरकारी एक रुपया भी खर्च नहीं किया जाएगा जिससे राजनीतिक पार्टी को कोई चुनावी लाभ मिल सके। इस दौरान चुनाव आयोग का रवैया बहुत ही सख्त रहता है। सभी राजनीतिक दलों पर निगरानी रखने के लिए वह एक पर्यवेक्षक नियुक्त करता है।

आचार संहिता के दौरान की कुछ खास बातें ( Rules During Election Code Of of Conduct )

  • राजनीतिक दल कोई भी ऐसा काम नहीं कर सकते जिससे लोगों में जाति, धर्म और भाषा के आधार पर लोगों मे वैमनस्य फैले।
  • व्यक्ति आधारित आरोप और आलोचना की सख्त मनाही होती है हांलाकि पार्टी की नीतियों और योजनाओं पर देश हित मे आलोचना पर बाध्यता नहीं होती।
  • राजनीतिक दल अपने चुनावी कार्यक्रम किसी भी धार्मिक स्थल पर नहीं कर सकते हैं।
  • मतदाता को किसी भी तरह का भौतिक, आर्थिक प्रलोभन आदि देकर प्रभावित नहीं किया जा सकता है।
  • चुनाव प्रचार के लिए पोस्टर बैनर किसी भी दीवार या घर पर लगाने से पहले भू स्वामी से पूर्व अनुमति लेनी होगी।
  • सरकार या कोई भी राजनीतिक दल दूसरे दल की चुनावी सभा मे दखलंदाजी नहीं करेगा।
  • चुनावी रैली में पार्टियां धर्म या जाति के आधार पर कोई ऐसा भाषण या घोषणा नहीं करेगी जिससे उन्हें जातिगत या धार्मिक आधार पर कोई चुनावी लाभ मिल सके।

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चुनावी सभा हेतु आचार संहिता ( Code Of Conduct As To Political Rally )

  • पुलिस को पहले से ही चुनावी रैली या सभा की पूरी जानकारी देनी होगी और यह भी पहले से ही बताना पड़ेगा कि चुनावी सभा किस तारीख, समय और किस जगह आयोजित की जाएगी ताकि पुलिस पहले से ही कानून व्यवस्था बनाए रख सके। ऐसी जगह पर चुनावी सभा नहीं की जा सकती जहां निषेधाज्ञा लागू हुई हो।
  • किसी भी चुनावी सभा मे लाउडस्पीकर का उपयोग जब ही किया जा सकता है जब पूर्व अनुमति प्राप्त कर ली गयी हो। रात 10 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर का उपयोग नहीं किया जा सकेगा।
  • चुनावी सभा के दौरान यदि किसी भी प्रकार से कानूनी – सामाजिक व्यवस्था पर आघात पहुंचता है तो आयोजक को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। आयोजकों का दायित्व है कि सभा के दौरान कोई अवांछित गतिविधि दिखायी दे तो वहां उपस्थित पुलिस को तुरंत सूचना दी जाए।

चुनावी जलसे हेतु आचार संहिता नियम

  • सभी राजनीतिक दल पुलिस और चुनाव आयोग को पूर्व में जुलूस जलसे की जानकारी देंगे जिसमें जुलूस का समय और जुलूस के प्रारंभ से जुलूस के खत्म होने का स्थान और जुलूस का रूट शामिल हैं।
  • जुलूस की आड़ में यातायात व्यवस्था प्रभावित नहीं कर सकते।
  • जुलूस के दौरान हथियार नहीं ले जा सकते या ऐसी कोई भी चीज़ जिससे झगड़े में इस्तेमाल किया जा सकता हो ले जाना मना होता है। रोड के दाहिनी ओर जुलूस ले जाया सकता है।

चुनाव वाले दिन आचार संहिता ( Code Of Conduct On Voting Day )

  • राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं को जारी अधिकृत पहचान पत्र सामने की ओर लगाना होगा।
  • चुनाव वाले दिन किसी भी वाहन का उपयोग permit लेकर ही किया जा सकेगा।
  • Voter को वोटिंग पर्ची ऐसी देनी चाहिए जिसमे सिर्फ Voter से जुड़ी और बूथ की जानकारी हो, उसमे किसी भी राजनीतिक दल का चिह्न, logo, या नाम आदि ना लिखा हो।
  • राजनीतिक दल मतदान स्थल पर मतदाता को सांकेतिक रूप से भी अपने हित में वोट डालने की कोशिश करेंगे।
  • मतदान स्थल के पास शराब की बिक्री और दुकान 24 घंटे पूर्व ही बंद कर दी जाएगी।

सरकार के लिए आचार संहिता ( Code Of Conduct As To Government )

  • सरकार मे बने मंत्री आचार संहिता के दौरान यदि कोई सरकारी दौरा करते हैं तो अपने दौरे में वह कोई चुनावी सभा रैली आदि नहीं करेंगे।
  • चुनावी सभा के दौरान किसी भी सरकारी कर्मचारी को चुनावी सभा में नहीं लगाया जाएगा।
  • सरकारी गाड़ियों और सरकारी धन का इस्तेमाल चुनावी सभा आदि मे कदापि ना किया जा सकेगा।
  • हेलीकॉप्टर के उतरने की जगह पर सरकार कोई रोक नहीं लगाएगी। सभी दलों को इसके प्रयोग की छूट होगी।
  • सरकारी आवास गेस्ट हाउस से कोई भी चुनावी गतिविधि संचालित नहीं की जाएगी।
  • सरकार की उपलब्धि गिनाने वाले सभी विज्ञापन तुरंत बंद करने होंगे और सरकारी धन का प्रयोग इस पर नहीं किया जाएगा।
  • सरकार द्वारा अपनी कैबिनेट की कोई मीटिंग नहीं की जाएगी।
  • सरकार कर्मचारियों का स्थानांतरण नहीं किया जा सकेगा। यदि आवश्यक हो तो सरकार को चुनाव आयोग से इसकी अनुमति लेनी होगी।
  • मुख्यमंत्री को अति आवश्यक परिस्थिति को छोड़ कर शासकीय दौरा नहीं करना चाहिए।
  • मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से राशि की निकासी या स्थानांतरण नहीं किया जाएगा।
  • कोई भी नयी योजना के शिलान्यास मे भाग नहीं लेना चाहिए।
  • सड़क निर्माण या पेयजल सुविधा उपलब्ध कराने का आश्वासन।
  • वोट के लिए भ्रष्ट आचरण नहीं होना चाहिए जैसे रिश्वतखोरी, लोभ, मतदाताओं पर किसी भी प्रकार का दवाब।

इन कार्यों को नहीं रोका जा सकेगा ( These Works Could Not Be Stopped )

  1. लोगों की जरूरत के काम नहीं रोके जा सकेंगे।
  2. आचार संहिता के नाम पर अफसर जनता के कार्य नहीं टाल सकते।
  3. जाती, आय और निवास प्रमाण पत्र बनते रहेंगे।
  4. जो प्रोजेक्ट्स पहले से क्रियान्वित है उन पर काम चलता रहेगा ऐसे प्रोजेक्ट्स रोके नहीं जाएंगे अपितु नए प्रॉजेक्ट के लिए नए आवेदन नहीं लिए जा सकेंगे।
  5. मकान के नक्शे के लिए नए आवेदन नहीं लिए जा सकेंगे। जिन लोगों ने पहले से ही मकान के नक्शे के लिए आवेदन कर रखा है उनके नक्शे पास किए जा सकेंगे।
  6. निराश्रित पेंशन, आधार कार्ड, गरीबी रेखा के कार्ड जैसे बुनियादी काम पर किसी भी तरह का कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
  7. सफाई, बिजली और पानी की व्यवस्था रहेंगी।
  8. चालू निर्माण कार्य और सड़क की मरम्मत चलते रहेंगे।




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