चैती मेला – बाल सुंदरी देवी मन्दिर, काशीपुर

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कहाँ स्थित है माँ बाल सुंदरी देवी का मन्दिर और कहाँ लगता है चैती मेला ? 

माँ बाल सुंदरी देवी का मंदिर उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जनपद के काशीपुर नामक नगर में स्थित है, जहाँ प्रति वर्ष चैत्र माह के नवरात्रि काल में एक मेला लगता है जो कि इसी कारण से चैती मेला के नाम से विख्यात है। यह कुंडेश्वरी मार्ग पर आयोजित होता है।

mata rani ka mandir
Maa Bal Sundari Devi Mandir

इस स्थल का इतिहास भी महाभारत कालीन रहा है और माँ बाल सुंदरी देवी मन्दिर के पास स्थित क्षेत्र में प्रतिवर्ष चैती मेला लगता है।

इस अवसर पर श्रद्धालु माँ बाल सुंदरी देवी को प्रसाद चढ़ाने दूर – दूर से यहाँ आते हैं। माँ बालासुन्दरी के विषय में माना जाता है कि इन दिनों जो भी मनोकामना माँगी जाती है, वह जरूर ही पूरी होती है । नवरात्रि काल में अष्टमी, नवमी व दशमी की तिथि पर यहाँ श्रद्धालुओं का तो जनसैलाब फूट पड़ता है । माँ बालासुन्दरी के अलावा यहाँ शिव मंदिर, भगवती ललिता मंदिर, बृजपुर वाली देवी के मंदिर, भैरव व काली के मंदिर हैं ।

Moteshwar Mahadev Mandir
Chaiti Mandir ke Najdeek Moteshwar Mahadev Mandir

माँ बालासुन्दरी का स्थाई मंदिर काशीपुर नगर में अग्निहोत्री ब्राह्मणों के यहाँ बना हुआ है ।  चंदराजाओं से यह भूमि उन्हे दान में प्राप्त हुई थी । लेकिन कालांतर में इस भूमि पर बालासुन्दरी देवी का मन्दिर का शिलान्यास किया गया । माँ बालासुन्दरी देवी की प्रतिमा स्वर्णनिर्मित है।

इस स्थल के पंडे अग्निहोत्री ब्राह्मण हैं। मुगल शासन काल में बना यह मंदिर तत्कालीन मुगल बादशाह से सहायता प्राप्त कर अस्तित्व में आया।

chaiti mele kashipur me laga jhula

चैती मेला – आकर्षण :-

चैत्र नवरात्रि मे लगने वाले इस चैती मेले मे आकर्षक दुकाने, व्यावसायिक प्रतिष्ठान, झूले, सर्कस आदि इस मेले के आकर्षण हैं जो कि पूरे देश में विख्यात है।

माँ बाल सुंदरी देवी को बलिदान देने की प्रथा :-

नवविवाहित जोड़े आस्था स्वरूप यहाँ आकर प्रसाद चढ़ाते हैं और माँ बाल सुंदरी देवी का आशीर्वाद लेते हैं। माँ को बलिदान देने की प्रथा यहां प्राचीन काल से ही रही है परन्तु बलि प्रथा हालाँकि होने के बाद अब बकरों के स्थान पर जायफल और नारियल की बलि दी जाए जाने लगी है।

Maa Baal Sundari Devi ko chaiti mele se le jate hue
Devi Maa Ka Dola

अग्निहोत्री ब्राह्मण के निवास स्थान से माँ बाल सुंदरी देवी का डोला चैती मेले के लिए निकलता है जिसमे ये ब्राह्मण डोले मे बैठते हैं और माँ बाल सुंदरी की स्वर्ण प्रतिमा को गोदी मे बिठा कर मेले तक लाया जाता है। डोले को चारो तरफ से श्रद्धालु जन अपने कंधो पर रख कर लाते हैं और माँ को मेले तक पहुंचाते हैं। इसी प्रकार से दशमी तिथि को वापिस पंडा घराने पहुँचाया जाता है।

Map of Bal Sundari Temple

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3 COMMENTS

  1. आपने यहाँ पर बुक्सों के बारे में नहीं लिखा कि ये उनकी पूजनीय व कुलदेबी है । वैसे आपकी पोस्ट बेहतरीन लगी। जय मां बाल सुंदरी चैती मेला काशीपुर

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