जानिए कैसे लगती है मेहंदीपुर बालाजी में अर्जी और अर्जी लगाने का तरीका
मेहंदीपुर में तीन देवताओं की प्रधानता है। मंदिर के मुख्य द्वार से प्रवेश करते ही स्वयंभू श्री बालाजी महाराज की प्रतिमा के दर्शन होते हैं। यहाँ से प्रस्थान करते ही आपको दाहिनी ओर एक संकरा सा गैलेरी नुमा रास्ता है जिसके समाप्त होते ही दाहिनी हाथ की ओर श्री भैरव जी महाराज का दरबार विराजित है। वहीं से चंद कदमों की दूरी पर श्री प्रेतराज सरकार महाराज जी के दरबार को जाने के लिए रास्ता सीढ़ियों से होकर गया है। सीढ़ियों के नीचे भंगी बाड़ा है जहां आपको लोग बैठ कर भोग लगाते दिख जाएंगे।
ऐसा कहा जाता है कि बालाजी महाराज, भैरव जी महाराज और श्री प्रेतराज सरकार इन तीनों देवताओं का प्रादुर्भाव आज से लगभग 2000 वर्ष पूर्व यहां के मुख्य महंत जी श्री गणेशपुरी जी के समक्ष हुआ था। इन तीनों देवताओं की प्रतिमा किसी शिल्पकार ने नहीं गड़ी है अपितु ये एक पर्वत का ही हिस्सा है जो श्री गणेश पुरी जी को स्वप्न में दिखायी दिया था।
श्री राम चन्द्र जी और बालाजी महाराज के 14 जयकारों के प्रतिदिन सुबह सुबह लगभग 06:30 बजे के करीब बालाजी महाराज की आरती की जाती है। मंदिर के मुख्य द्वार के सामने पक्की सड़क है। आरती के समय यहां लोग असंख्य संख्या में उपस्थित रहते हैं मानो कोई मेला लगा हो। जब बालाजी महाराज की आरती संपन्न हो जाती है तो मंदिर के मुख्य पुजारी सभी मौजूद भक्तों को आरती के छींटे देते हैं। छींटे लेने के पश्चात् भीड़ कम होती जाती है और रह जाते हैं वो लोग जो बालाजी महाराज को अर्जी या दरख्वास्त लगाना चाहते हैं।
जानिए कैसे लगती है मेहंदीपुर बालाजी में अर्जी और अर्जी लगाने का तरीका
अर्जी लगाने का समय
अर्जी प्रति दिन सुबह आठ बजे से लेकर ग्यारह बजे तक ही लगायी जाती है। ( ग्रहण और एकादशी के दिन को छोड़ कर )
अर्जी क्यों लगायी जाती है ?
जितने भी लोग बालाजी महाराज को दर्शनों के लिए आते हैं, सबकी अपनी कुछ ना कुछ परेशानियां और शिकायतें होती हैं। कोई व्यक्ति नौकरी या जॉब ना मिलने से परेशान हैं तो किसी की जॉब छूट गयी है, किसी को परीक्षा में सफलता चाहिए, रोग ग्रस्त को दवाई नहीं लग रही, परिवार में सुख शांति नहीं आ रही तो कोई व्यापार मे बरक्कत नहीं होने से परेशान है, किसी का विवाह नहीं हो रहा या व्यवधान आ रहा है तो दूसरी ओर किसी की संतान नहीं हो रही, किसी को मानसिक रोग है, कोई टीबी तो कोई मिर्गी रोग से पीड़ित है। जितने लोग उतनी परेशानियां। अधिकांश लोग कुछ इन्हीं प्रकार की परेशानियों से घिरे आपको बालाजी महाराज के दर्शनों की लाइन में खड़े हुए मिलेंगे।
यहां की मान्यता के अनुसार लोग तीनों देवताओं के दर्शन करते हैं और अपनी अपनी परेशानियों को दूर करने के लिए अर्जी लगाते हैं।
कहां मिलती है अर्जी ?
सभी अर्जी और दरख्वास्त आपको मंदिर के सामने बनी प्रसाद की दुकानों से आसानी से मिल जाती हैं और सभी दुकानों पर इनकी कीमत भी एक जैसी ही रहती है।
कैसे लगती है अर्जी और अर्जी लगाने का तरीका ?
अर्जी लगाने से पहले दरख्वास्त लगायी जाती है जिसमें एक छोटे से दोने में बूंदी के बहुत ही छोटे छोटे छह लड्डू, कुछ बताशे और एक दीपक होता है। यह बालाजी महाराज के समक्ष हाजिर होने का आभार जताने के लिए लगायी जाती है। दरख्वास्त के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए आपको पहले हमारी ये पोस्ट जरूर पढ़नी चाहिए ताकि आपको आगे के स्टेप्स अच्छी तरह से समझ आ जाये।
श्री मेहंदीपुर बालाजी महाराज की दरख्वास्त क्या होती है? बालाजी महाराज को दरख्वास्त क्यों लगायी जाती है और इसे कैसे लगाते हैं? अर्जी और दरख्वास्त मे क्या फर्क होता है?
अब आते हैं अर्जी पर। प्रसाद की दुकान से आपको एक निश्चित रकम पर आपको अर्जी मिल जाती है।
क्या होता है अर्जी में ?
प्रसाद की दुकान मे दुकानदार आपको एक दोना दरख्वास्त का, एक थाली लड्डुओं की, एक थाली उबले हुए चावल और एक थाली उबले हुए उड़द की देता है। कुल तीन थाली होती है साथ मे एक कटोरी में घी होता है। तीनो थालियों में प्रत्येक मे सवा सवा सेर सामान होता है। अर्जी की प्रक्रिया वर्तमान में तीन चरणों में पूरी की जाती है।
अर्जी लगाने का पहला चरण : –
सबसे पहले दुकानदार द्वारा आपको एक थाली दी जाएगी जिसमे सवा सेर लड्डू होंगे और साथ ही एक कटोरी में घी और दरख्वास्त का एक दौना होगा। यह सामान आप अपने सिर पर रखकर बालाजी महाराज के दर्शनों की लाइन में लग जाएंगे। आपको लाइन में लगे लगे मन ही मन अपना पूरा नाम, अपने पिता का नाम ( महिलाएं अपने पति का नाम ) और अपना पत्राचार का पूरा पता बोले। इसके बाद मन ही मन अपनी परेशानी बोले।
नोट : –
अर्जी मे ज्यादा से ज्यादा आप सिर्फ तीन बातें या तीन परेशानियां ही बोल सकते हैं इससे ज्यादा नहीं। नहीं तो अर्जी मंजूर नहीं होती है।
जैसे ही आप बालाजी महाराज के सामने पहुंचेंगे आप थाली को पुजारी के आगे कर दें। पुजारी थाली में से कुछ लड्डू निकाल कर और कटोरी में से घी निकाल कर बाबा के सामने जल रहे हवन कुंड मे डाल देता है और छह लड्डू आपकी थाली में छोड़ देता है। जब पुजारी उपरोक्त लिखित प्रक्रिया कर रहा होता है तब आपको मन ही मन वही सब दोहराना है जो लाइन में खड़े होकर आपने बोला था।
इसके पश्चात् आपको ना तो भैरव जी और ना ही प्रेत राज जी के दरबार में लड्डू की थाली ले जानी है सिर्फ दरख्वास्त लगानी होती है। फिर सीधे आप वापिस अपने दुकानदार के पास आ जाते हैं जहां से आपने अर्जी ली थी। ये छह लड्डू जो बालाजी महाराज के दरबार से बचे थे उसे आपको दुकानदार को दे देने है।
अर्जी लगाने का दूसरा चरण : –
अब दुकानदार आपको दो थाली देगा जिसमे एक मे उबले चावल और दूसरी मे उबले हुए उड़द होंगे। जो छह लड्डू आपने दुकानदार को वापिस दिए होंगे उसमे से दो लड्डू चावल की थाली और दो लड्डू उड़द की थाली के ऊपर रख देगा। शेष बचे दो लड्डू दुकानदार अपने पास रख लेगा जो अर्जी लग जाने के बाद आपको वापिस किए जाएंगे।
अब आपको ये दोनों थाली लेकर वापिस मंदिर में जाना है लेकिन बालाजी महाराज के मंदिर में नहीं और ना ही उस रास्ते से जहां से आप लाइन में लग कर गए थे बल्कि आरती हाल के रास्ते से। अगर आपको रास्ता ना भी मालूम हो तो कोई बात नहीं है दुकानदार आपको रास्ता समझा देगा। ये रास्ता सीधे भैरव जी महाराज के दरबार तक जाएगा।
यहाँ आपको पुजारी के आगे उड़द की थाली आगे कर देनी है। पुजारी कुछ उड़द और लड्डू लेकर हवन कुंड मे डाल देगा। आपको बस अपना नाम, पता और परेशानी मन ही मन दोहराना है। इसके बाद आप सीढियों से प्रेत राज जी के दरबार में पहुंचेंगे वहां आपको पुजारी के समक्ष चावल की थाली आगे कर देंगे। फिर वही प्रक्रिया और वही मन ही मन दोहराना है।
यहां से बाहर निकलने के बाद एक जगह आपको दोनों थाली का बचा सारा सामान सात बार उतारा कर के पीछे की ओर गिरा देना है और मुड़कर पीछे नहीं देखना है। दोनों थाली लेकर आप सीधे वापिस वहीं दुकान पर पहुँचेंगे जहां दुकानदार आपको बचे हुए दो लड्डू देगा जो सिर्फ आपने ही खा लेने है किसी और को खाने के लिये नहीं देने।
अर्जी लगाने का तीसरा चरण : –
अंतिम चरण में आपको दुकानदार एक दरख्वास्त का दौना लगाने को और देगा। जिसमे आपको एक बार फिर से लाइन में लगना होगा। लाइन में लगते ही मन ही मन अपना नाम और पता बोल कर ये बोलना है कि बालाजी महाराज मेरी लगायी हुई अर्जी को मंजूर किजिये। दरख्वास्त लगते ही आपकी अर्जी पूरी हो जाती है।
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बालाजी को अर्जी लगाने का तरीका बिल्कुल सही से समझाया गया है
धन्यवाद
Sach me bilkul sahi tarika hai Balaji maharaj ko arji lagane ka
धन्यवाद जी
Aapne bahut achche se samjhaye h ,lekin mandir ke pujari log kuchh krne de tab na. Darshan hi Badi mushkil se milte h
जय श्री राम श्री बाला जी महाराज की जय हो
भैरो बाबा की जय हो
प्रेतराज सरकार की जय हो
जय श्री बालाजी महाराज।
Agr kisi ka rishta tlak pr aa rha ho,,kya wo bhi ruk skta hai balaji aane se
जी बिल्कुल।
Jai Shree Ram Shree Bala ji Maharaj ki Kai Ho
Bhairo Baba Ki Jai ho
Preatraj Sarkar Ki Jai ho JAI SHREE RAM
JAI SHREE RAM
JAI SHREE RAM
JAI SHREE RAM
JAI SHREE RAM
JAI SHREE RAM
Kya wife ki job ki arjee husband laga Sakta hai?
Ji Bilkul Laga Sakte Hain..
Kya pita ki vipatti kasht ki arji Putra laga sakta h
Haan Ji Bilkul Arji laga Sakte Hain.